चन्द्रयान 2 को चन्द्रमा के दक्षणी ध्रुव पर उतरना था मगर ऐसा नहीं हो पाया। क्या आपको पता है कि इसके पीछे के कारण क्या हैं। आप सभी को शायद यह भी पता नहीं होगा अगर यह काम नहीं होता तो आज यह स्थिति नहीं होती।
लालू प्रसाद यादव को चौधरी देवी लाल का राजनीतिक रूप से शिष्य माना जाता है. और अब चौधरी देवी लाल के पोते ने कमाल कर दिया है. उन्होंने ने अपनी शर्तों पर बीजेपी को झुकने पर मजबूर कर दिया है. दुष्यंत चौटाला ने वो कर दिखाया है जो कभी संभव नहीं दिख रहा था. इनसे लालू के दोनों बेटों को सीख लेनी चाहिए. 165 रूपये में खाइए 1 किलो गुलाब जामुन. क्लिक करके के यहाँ से करो बुक. https://amzn.to/2JqmCar मतलब डॉ अजय चौटाला तिहाड़ में ही काट देते पूरा जीवन. आइये मुद्दे पर चलते हैं. हरियाणा विधान सभा के चुनाव में सत्ता की कुर्सी ऐसे फंसी की किसी को कुछ मझ नहीं आ रहा था, कैसे मामला सुलझेगा. अब दुष्यंत अपनी चाबी से राह आसान कर दी है. अजय चौटाला तिहाड़ की जेल से रिहा हो रहे है . 14 दिन के लिए बाहर आ रहे हैं. लालू प्रसाद यादव भी जेल में हैं. उनकी पार्टी बिहार में विपक्ष में है. जैसे इनोलो हरियाणा में थी. अगर राजद इस बार चुनाव में हरियाणा की तरह मामला फंसा देती है तो बीजेपी से उसके समझौते हो सकते हैं. क्योंकि जेजेपी के बारे में भी यही बात हो रही थी मगर आज जेजेपी सत्ता में आ गई है. अगर तेज...
मुम्बई। महाराष्ट्र में विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं। और सत्ता किस करवट बैठेगी यह अभी पता नहीं चल रहा है। लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखा जाय तो देवेंद्र फड़नवीस सुरक्षित हैं। लेकिन जब इतिहास में जाया जाए तो नहीं बैठ रहा है मामला। महाराष्ट्र से पहले ब्राह्मण मुख्यमंत्री मनोहर जोशी थे और दुसरे देवेंद्र। उनकी स्थिति देखी जा रही है। दुबारा वापसी नहीं कर पाए। लेकिन देवेंद्र ने सत्ता 5 साल चला ली। इन्हें अटल जी ने मॉडल विधायक कहा था। तब ये पहली बार विधायक बने थे और अब इन्होंने मॉडल स्टेट बनाया या नहीं इसका पता कुछ महीनों में चल जाएगा। आइये चलते हैं अतीत में। महाराष्ट्र में कई मुख्यमंत्री साल और दो साल वाले रहे और कई महीनों वाले। लेकिन एक सीएम ऐसे थे जो 9 दिन रहे। उनका नाम है पीके सावंत। जो गृह मंत्री और कृषि मंत्री भी थे। 1963 में 25 नवंबर को सीएम बने और 4 दिसंबर को हट गए। फिर वापसी नहीं हुई। और ये 9 दिन वाले सीएम बनकर रह गए।
लखनऊ. जल्द ही एक अनुभव हुआ है। जिसे मैं बताना चाहूंगा। क्योंकि मेरे ही जिले की बात है। बसपा और भाजपा के सांसद में कितना अंतर है। जौनपुर जिले में दो लोकसभा सीट है। एक भाजपा के कब्जे में है और दूसरी बसपा+सपा के पास है। जौनपुर लोकसभा सीट पर कई बार से कोई दुबारा लगातार चुनाव नहीं जीत पा रहा है। इस बार भी चेहरा बदला था। लेकिन जीत नए चेहरे को ही मिली। चलिए मुद्दे पर। जौनपुर से जयपुर के लिए ट्रेन की टिकट कंफर्म करवानी थी। किसे बोला जाय ? यह भी असमंजस की बात। लेकिन किसी ने सांसद के लिए सुझाया। मछलीशहर से भाजपा के सांसद हैं बीपी सरोज। उन्हें फ़ोन मिलाया और सन्देश भी भेजा लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला। बड़ी देर तक इंतजार करने के बाद बसपा सांसद श्याम सिंह यादव को फ़ोन किया। मुझे लगा कि बसपा के सांसद हैं इनकी रेलवे में इस समय उतनी बात न सुनी जा रही हो। लेकिन एक बेल जाते ही उधर से दो मोबाइल नंबर मेरे पास आ गये। एक पर मैंने तुरंत फ़ोन मिलाया औऱ जवाब आया कौन ? मैंने अपने बारे में बताया तो उधर से एक विनम्रभाव से हरिकेश यादव जी ने अपना परिचय दिया। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बसपा सोशल मी...
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