बिहार में जिस अनंत सिंह के सामने नीतीश कुमार हाथ जोड़ते थे वहीँ अब दुश्मन बन गए हैं
Get link
Facebook
X
Pinterest
Email
Other Apps
पटना. बिहार में ऐसा क्या हो गया है कि अनन्त सिंह और सीएम नितीश कुमार में ठन गई है. अब दोनों आमने सामने हैं. यह अब अदावत सी लगने और दिखने लगी है. देखिये पूरा वीडियो.
शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं। लेकिन इनका नाम बड़ा इसलिए है क्योंकि इनके ससुर और पति का भी अलग रुतबा था। इनके पति आगरा के डीएम रहे। विनोद कुमार दीक्षित। दबंग किस्म के डीएम थे। क्योंकि उनके पिता कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री थे। और उनकी हनक भी थी। फिर यही से शीला दीक्षित राजनीति की ओर बढ़ी। शीला दीक्षित ने बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली से सांसद रहे मगर उनकी जगह नहीं ले सके। शीला जी वैसे तो बेहतर दौर की राजनीति की मगर उन्हें 2017 में जो दुख मिला वह भुलाया नहीं जा सकता। और पहली चुनावी रैली राहुल और अखिलेश ने आगरा से ही शुरू की थी। तब आगरा में चर्चा थी। शीला जी को कांग्रेस का सीएम कैंडिडेट बनाया गया और बाद में गठबंधन करके उन्हें बाहर कर दिया गया। उसका खामियाजा भी कांग्रेस ने उठाया। फिर उन्हें दिल्ली की राजनीति में वापस लाया गया। और अब उनका निधन हो गया है। जब ये मुख्यमंत्री थीं तब हम दिल्ली में पत्रकारिता करने पहुँचे थे। मेट्रो का श्रेय इन्ही को जाता है। और ब्लू लाइन बसों को दिल्ली से बाहर करने की भी हिम्मत इन्होंने ने ही दिखाई थी...
लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस के बड़े नेता थे। देश के लोक प्रिय पीएम भी रहे। उनके निधन के बाद बेटों की राजनीति भी कांग्रेस में ही लंबे समय तक चली। मगर सुनील शास्त्री का मोह भंग हुआ और वो भाजपा जॉइन कर लिए। राज्यसभा सदस्य भी रहे। यूपी में 8 साल तक कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे। 2014 से भाजपा में राष्ट्रीय नेतृत्व में काम कर रहे हैं। अब नया मामला बलिया से है। पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी के बेटे और सपा से राज्य सभा सांसद नीरज शेखर भी अब भाजपा की तरफ बढ़ रहे हैं। क्योंकि उन्होंने सपा से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने राज्य सभा सदस्य पद से भी इस्तीफा दे दिया है। बलिया से 8 बार सांसद रहने वाले पूर्व पीएम चन्द्रशेखर जी ने इतनी जमीन मजबूत की थी कि उनके बेटे नीरज शेखर भी दो बार चुनाव जीत गए। मगर 2014 में इन्हें हार मिली और 2019 में टिकेट ही नहीं मिला। ये सपा से राज्य सभा भेजे गए थे। अब सपा के लिए बलिया में सकंट है। क्योंकि पुराने दिग्गज चौधरी साहब भी अब बसपाई हो चुके हैं। और शुद्ध सपाई अब घर छोड़ रहे हैं।
बिहार में 2020 में विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं. यह तो सबको पता है. लेकिन वहां नितीश कुमार इस बड़ा खेल करने वाले हैं. इसकी शुरुआत हो चुकी है. आइये चलते हैं मिथिलांचल की अघोषित राजधानी दरभंगा. जहां पर बाढ़ और सूखे से लोग परेशान हैं लेकिन सत्ताधारी अपना सीना चौड़ा कर रहे हैं. उसकी मुख्य वजह बने हैं पूर्व केद्रीय मंत्री और दरभंगा से 4 बार सांसद रहे असर अली फातमी जी. १९९१, १९९६, १९९८ और २००४ में राजद के टिकट पर फातमी ने दरभंगा लोक सभा सीट से लालटेन की रोशनी को तेज की थी. लेकिन इसके बाद से इनकी ही राजनीतिक रोशनी कम हो गई. 2004 में फातमी को मानव संसाधन राज्ययमंत्री बनाया गया था. २००९ में ये चुनाव हार गये. और २०१९ में फिर लड़ना चाह रहे थे. मगर इनका टिकट कट गया. और फिर शुरु हुआ राजनीतिक ड्रामा. दरभंगा में इन्होंने जो किया सो किया लेकिन मधुबनी लोकसभा सीट पर भी अपना पूरा दम दिखा दिया. वहां पर भी राजद को नुकसान पहुँचाया. दोनों सीटों पर राजद को हार मिली. फातमी बसपा ज्वाइन कर लिए थे उस दौरान और अब वो जदयू में पहुँच गए हैं. फातमी के बेटे राजद से दरभंगा जिले से विधायक हैं. सूत्र बता र...
Comments
Post a Comment